क्रिकेट का खेल भारत में जुनून से कम नहीं। हर सीजन में नई कहानियां और नए रिकॉर्ड बनते हैं। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जिनकी उपलब्धियां पर्याप्त चर्चा नहीं पातीं। मनीष पांडे
उन चुनिंदा नामों में एक हैं, जिन्होंने IPL के शुरुआती सीजन से लेकर अब तक लगातार मैदान में परफॉर्म किया है। फिर भी उनके हिस्से वैसा सम्मान नहीं आया, जो बाकी महान खिलाड़ियों को मिला। आइए जानते हैं, क्यों मनीष पांडे का नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास में खास बन जाता है।
मनीष पांडे IPL में खेलने वाले उन गिने-चुने भारतीय खिलाड़ियों में हैं, जिन्होंने लीग के हर एक सीजन का हिस्सा बनने का गौरव पाया है। 2009 में आरसीबी के लिए खेलते हुए उन्होंने शतक भी जड़ा – और वे IPL में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। 2025 में वे कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए मैदान संभाल रहे हैं। उनके नाम 172 मैचों में 3869 रन दर्ज हैं, जिनमें एक शतक और कई अहम पारियां शामिल हैं। पूरी कहानी और विस्तृत आँकड़े आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
क्रिकेट में उपलब्धि का सम्मान हर खिलाड़ी को मिलना चाहिए। जब महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सितारों को IPL के 18वें सीजन में मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया, तब मनीष पांडे को यह दर्जा क्यों नहीं मिला? इस लेख में विस्तार से बताया गया है कि पांडे जी ने 7 विभिन्न टीमों के लिए लगातार प्रदर्शन किया है, फिर भी वे कहीं न कहीं अनदेखी के शिकार रहे। क्या यह सही है?
2025 में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुए मनीष पांडे ने अपनी बल्लेबाजी का लोहा फिर से मनवाया। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ अहम मुकाबले में वे 36 रन बनाकर कीमती साझेदारी का हिस्सा बने। यह मैच हालांकि केकेआर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा और उन्हें दो विकेट से हार झेलनी पड़ी। मैच की हर महत्वपूर्ण बारीकी, स्कोरकार्ड अपडेट और पांडे की भूमिका जानने के लिए यहाँ विस्तार से पढ़ें।
कोलकाता का हाथ लगभग जीत पर था, लेकिन डेवाल्ड ब्रेविस द्वारा वैभव अरोड़ा के एक ओवर में 30 रन बटोरना मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। चंद गेंदों में मैच का पूरा नक्शा बदल गया और केकेआर को प्लेऑफ की दौड़ में पीछे धकेल दिया। इस रोमांचक पल की खास रिपोर्ट और विश्लेषण आप Navbharat Times की वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं।
मनीष पांडे का सफर न सिर्फ आकंड़ों में, बल्कि धैर्य, मेहनत और समर्पण में भी बड़ा है। भारतीय क्रिकेट को ऐसे खिलाड़ियों की और ज़रूरत है, जिन्हें हर मंच पर वही मान-सम्मान मिले, जिसके वे असल मायने में अधिकारी हैं। क्या आपको लगता है कि अब टाइम आ गया है कि मनीष पांडे को भी IPL आयोजकों की ओर से उतनी ही प्रतिष्ठा मिले, जितनी अन्य बड़े नामों को मिलती आई है? अपनी राय जरूर साझा करें, और ज़रूर क्रिकेट की ताज़ा खबरें पढ़ें!