वर्तमान समय में जब क्रिकेट और बॉलीवुड की हस्तियां अपने निजी जीवन के लिए आध्यात्मिक मार्ग अपनाने लगती हैं, तब ऐसे संतों का मार्गदर्शन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के पास हाल ही में भारत के दिग्गज क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी, अभिनेत्री अनुष्का शर्मा, पहुँचे। इन दोनों की यह यात्रा न केवल सुर्खियों में रही, बल्कि युवाओं और भक्तों के लिए भी प्रेरणादायी रही।
प्रेमानंद महाराज का नाम भक्तों और योग साधकों में बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। वे वृंदावन के राधाकेलीकुंज आश्रम में रहते हैं और समय-समय पर विश्व भर के लोगों को आध्यात्मिक दिशा दिखाते हैं। उनके अनुसार, भगवान की कृपा केवल भौतिक उपलब्धियों में नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और चिंतन में है। उनका मानना है कि विपरीत परिस्थितियां भी ईश्वर की कृपा का हिस्सा हैं, जो आत्मा को उच्चतर मार्ग की ओर ले जाती है।
13 मई 2025 को, विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के बाद अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन स्थित प्रेमानंद महाराज के आश्रम का दौरा किया। इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने विराट से सीधा सवाल किया — "प्रसन्न हो?" इस संवाद ने सभी को प्रभावित किया। विराट ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, "ठीक हैं।" महाराज ने बड़ी सहजता से समझाया कि वैभव या प्रसिद्धि भगवान की कृपा का सही मापदंड नहीं है। असली कृपा तो तब होती है जब भक्त का चित्त निर्मल और संतोषी हो जाता है।
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महाराज ने बातचीत के दौरान भगवद्गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि नामजप ही जीवन को शांतिपूर्ण बना सकता है। उनके अनुभव के अनुसार, बिना संकल्प के निरंतर भक्ति का अभ्यास व्यक्ति के जीवन का रूप बदल सकता है। यह उपदेश विराट और अनुष्का दोनों के लिए गहरे स्तर पर प्रेरणा बन गया।
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प्रेमानंद महाराज का जीवन और उनके उपदेश आधुनिक समाज को संतुलित व शांतिपूर्ण बनाने की प्रेरणा देते हैं। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की यह यात्रा दिखाती है कि बड़े-बड़े मुकाम हासिल करने के बाद भी सच्चा सुख और संतोष आध्यात्मिक मार्ग में ही है। यदि आप भी अंदरूनी शांति की तलाश में हैं तो प्रेमानंद महाराज के विचार आपके लिए नई दिशा दिखा सकते हैं।