भारत के आध्यात्मिक जगत में प्रेमानंद महाराज का नाम श्रद्धा और भक्ति के साथ लिया जाता है। हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा की वृंदावन यात्रा चर्चा का विषय बनी रही। उन्होंने श्री राधाकेलीकुंज में प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लिया। यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि आत्मिक शांति की खोज का हिस्सा मानी जा रही है।
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा, दोनों ही आध्यात्मिकता के प्रति अपनी आस्था को कई बार सार्वजनिक रूप से साझा कर चुके हैं। उनके लिए प्रेमानंद महाराज से मिलना महज एक साधारण यात्रा नहीं थी। एक प्रमुख समाचार में उल्लेख हुआ कि टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद कोहली और अनुष्का आश्रम पहुंचे। वहाँ संत ने कोहली से सीधा सवाल किया, "क्या तुम खुश हो?" विराट का ये सहज उत्तर, और इसके बाद की संजीदा बातचीत, दर्शाती है कि यह मुलाकात उनके लिए कितनी खास थी।
प्रेमानंद महाराज केवल संत नहीं हैं, बल्कि वह भक्ति, योग और जीवन के विभिन्न आयामों को समझने वाले आध्यात्मिक गुरु हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, महाराज ने विराट और अनुष्का को भगवान के नाम जप और आत्मिक शांति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उनका कथन था, "वैभव या यश बढ़ना भगवान की कृपा नहीं, बल्कि जब अंदर का चिंतन बदलता है, वही सच्ची कृपा है।" अनुष्का शर्मा भावुक हो गईं, जिससे इस भेंट की आध्यात्मिक गहराई स्पष्ट होती है।
कोहली और रोहित शर्मा दोनों के एक-साथ रिटायरमेंट ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया। एक चर्चा में बताया गया कि मैदान पर शानदार विदाई मिलनी चाहिए थी। इसके तुरंत बाद विराट का वृंदावन पहुंचना, जीवन के नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। प्रेमानंद महाराज से मार्गदर्शन लेने के बाद विराट और अनुष्का दोनों ने आंतरिक संतुलन और शांति पाने की ओर कदम बढ़ाया।
Premanand Maharaj, आध्यात्म की गहराई और आत्मिक संतुलन के प्रतीक माने जाते हैं। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा जैसे सेलिब्रिटीज़ का उनसे जुड़ना दिखाता है कि सच्चा गुरू और साधना किस प्रकार जीवन में नए अर्थ ला सकते हैं। अगर आप भी संतुलन और शांति की तलाश में हैं, तो वृंदावन जैसे स्थलों की यह प्रेरणा आपके लिए मार्गदर्शन बन सकती है।