भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी रोहित शर्मा ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास का ऐलान किया। इस फैसले ने फैंस के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिरकार, रोहित शर्मा इतने महत्वपूर्ण मौके पर रिटायरमेंट क्यों लेना चाहते थे? क्या इसके पीछे कोई खास वजह थी? इस लेख में हम जानेंगे, रोहित शर्मा के टेस्ट संन्यास की पूरी कहानी और इससे जुड़ी इनसाइड स्टोरी।
रोहित शर्मा ने 67 टेस्ट मैचों में 40.57 की औसत से 4301 रन बनाए। उनके नाम 12 शतक और 18 अर्धशतक दर्ज हैं। टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद रोहित शर्मा ने ना सिर्फ इस फॉर्मेट, बल्कि कुछ समय बाद टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह दिया। उनके फैसले ने पूरे क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया।
दरअसल, खबरों के मुताबिक रोहित चाहते थे कि वे इंग्लैंड सीरीज़ के बीच में, ठीक एमएस धोनी की तरह, टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहें। Hindustan की रिपोर्ट में बताया गया कि रोहित इंग्लैंड दौरे पर टीम के साथ जाना चाहते थे और उसी दौरान टेस्ट फॉर्मेट से रिटायरमेंट लेना पसंद करते। लेकिन बीसीसीआई ने इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया।
बीसीसीआई और चयन समिति ने निरंतरता बनाए रखने के लिए रोहित के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। सूत्रों के अनुसार, चयनकर्ताओं ने कहा था कि वे रोहित शर्मा को इंग्लैंड दौरे पर 'खिलाड़ी' के तौर पर भेज सकते हैं, लेकिन 'कप्तान' के रूप में नहीं। यही कारण रहा कि रोहित ने सीरीज शुरू होने से पहले ही संन्यास का ऐलान कर दिया।
इसी मुद्दे पर Navbharat Times की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसीसीआई चयनकर्ताओं को शुभमन गिल और ऋषभ पंत के कप्तान बनने की संभावना पर विचार करना पड़ा। विराट कोहली के साथ-साथ रोहित शर्मा के ताजा संन्यास ने टीम में बड़ा बदलाव ला दिया है।
स्काई स्पोर्ट्स की रिपोर्ट के अनुसार, रोहित ने टेस्ट से उसी अंदाज में रिटायरमेंट लेने की इच्छा जताई थी, जैसा धोनी ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के दौरान किया था। हालांकि, चयन समिति ने अपनी योजनाओं में निरंतरता को ज्यादा अहमियत दी और यह भरोसा नहीं जताया कि कप्तान का अचानक से हटना उचित रहेगा। Inshorts की खबर के अनुसार, रोहित शर्मा को सीरीज के खिलाड़ी के तौर पर शामिल किया जा सकता था, लेकिन कप्तान नहीं बनाया जाता।
अब भारतीय टीम को शुभमन गिल, ऋषभ पंत जैसे नए चेहरों पर भरोसा करना होगा। आईपीएल में इन खिलाड़ियों के कप्तानी अनुभव को देखते हुए विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि गिल और पंत टीम को संभाल सकते हैं। साथ ही, सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज भी मानते हैं कि युवा खिलाड़ियों के पास खुद को साबित करने का यह बेहतरीन मौका है।
रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से विदाई लेना सिर्फ व्यक्तिगत फैसला नहीं था, बल्कि यह टीम की भविष्य की दिशा तय करने वाला क्षण भी है। उनका एमएस धोनी जैसा रिटायरमेंट सपना अधूरा जरूर रहा, लेकिन रोहित शर्मा का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। आगे आने वाले समय में किसे टेस्ट टीम की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, यह देखना दिलचस्प रहेगा। आप इन बदलावों के बारे में क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट में जरूर दें।